Add To collaction

लेखनी कहानी -09-Jan-2023

🌹 * 10, गाँव * 🌹

🌹 🌹 🌹

      *गाँव ...* वह एक शांत कल्पना के साथ गांव के अंदर फुटपाथ लेता है. इस चरण के अंदर कई कदम चलते हैं. इस फुटपाथ के दोनों किनारों पर हरे खेतों को चक्कर आते देखा जाता है. उसी से, यह फुटपाथ गाँव के अंदर चलता है ... छोटे-छोटे झरने मैदान के चारों ओर बहते हुए दिखाई देते हैं. 
            शहर की तरह गजब गंदगी यहाँ नहीं है. नींद कितनी है. सुबह वह एक मुर्गी का बच्चा था ... धीरे-धीरे गाँव उठता है ... फिर खेत की लुगदी शुरू होती है... बैल की गर्दन के चारों ओर एक घंटी की आवाज़ मन को एक गुमनाम खुशी देती है... खेत पर काम करने वाली महिला - पुरुष अपने काम को खेत में जाते हुए देखते हैं.... जो लोग पूरे दिन खेत में भुगतान करते हैं वे शाम को घर लौटते हैं. जिन गायों को खेत में वापस लाया गया है . उनकी हैंडओवरिंग साउंड ऐसी है मानो डंठल में बछड़ा बोया जा रहा हो...

         अभी भी इसमें कुछ चीजें देखने को मिलती हैं. आजकल, गाँव भी शहरीकृत होने लगे हैं.... तो कलनुरुप ने इसे कुछ हद तक बदल दिया है... फिर भी शहर की तरह कोई गपशप गड़बड़ नहीं है....

 -अभिलाषा देशपांडे

   23
3 Comments

बहुत सुंदर

Reply

Muskan khan

15-Jan-2023 06:04 PM

Nice

Reply

बहुत खूब

Reply